Makka Ki Kheti - मक्का की फसल एक बहुत ही उपयोगी फसल है। मक्का की फसल से हम लोगो को आहार तथा पशुओ को आहार प्राप्त होता है। औद्योगिक दृष्टि से देखा जाए तो मक्का बहुत ही आर्थिक समृद्ध फसल है। मक्के की खेती को भारत में लगभग सभी जगह की जाती है लेकिन इसकी खेती बहुतायत में पहाड़ी क्षेत्रो में तथा उत्तर भारत में होती है।
मक्का की खेती बहुत ही लाभकारी है। इसकी खेती से किसान भाई बहुत अच्छी आमदनी कर सकते है। मक्का चाहे खाने में हो या इसको पॉपकॉर्न बनाने में सभी से पैसे कमाए जा सकते है। मक्का जब पाक जाता है तो उसके फल की तुडाई करके मशीनों द्वारा बीज को निकाल लिया जाता है और बाकि के जड़ो और तनो को पशुओ के खाद्य के रूप में रख या खिला दिया जाता है।
जब मक्का अपने शुरू अवस्था में होता है तो इसके बिना पक्के फली को बेबिकोर्न मक्का कहा जाता है और इसको किसान भाई लोग सब्जी अथवा सलाद के रूप में प्रयोग करते है। इस प्रकार के फल में बहुत ज्यादा पौष्टिक तत्व होता है।
मक्का की खेती के लिए भूमि का चयन
मक्के की खेती लगभग सभी प्रकार के मिटटी में की जा सकती है लेकिन विशेष तौर पर जिस मिटटी में ज्यादा पैदावार होती है वो है -
- दोमट मिटटी
- बलुई मिटटी
इन सभी मिटटी का ph मान लगभग 6 से 7.5 तक होनी चाहिए , इससे ज्यादा के होने से मिटटी उसर समान होने लगती है।
मक्के की खेत की तैयारी
किसान भाइयो को को सुविधा की दृष्टि से हम सभी बिन्दुओ को क्रमवार बता रहे है
- मक्के की खेती के लिए जून माह में , गहरी जुताई करनी चाहिए हो सके तो आप रोतावेटर जुताई का प्रयोग करे
- खेती में जुताई करने के बाद पाटा लगा देना चाहिए जिससे की खेतो की नमी बनी रहे।
- अब खेतो में कम्पोस्ट खाद डाले, आप रासायनिक उर्वरक कर प्रयोग कर सकते है।
- जस्ता और जिंक अपने खेती के हिसाब से डाले।
मक्के की बुवाई का समय
मक्का की उन्नत किस्मे
मक्के की बीज की मात्र प्रति हेक्टेयर
- संकर - 12 से 15 किलो
- हरे चारे के लिए - 40 से 50 किलो
- कम्पोजिट जातिया - 15 से 20 किलो
मक्के की बुवाई कैसे करे
मक्के की बुवाई वर्षा होने की पहले करनी चाहिए , बुवाई करते समय पीछे की और चलना चाहिए , बीजों को लगभग 5 cm गहराई पर करनी चाहिए, अगर आप खेतो में मक्के के बीज को छींट करके बोते है है इनको ट्रेक्टर की सहायता से मिला देना चाहिए।
मक्के की खेती की सिंचाई
मक्के की खेती के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है , सबसे ज्यादा जरूरत इसके बालो को उगते और पकते समय होती है। जब किसान भाई लोग सिचाई कर ले तो खेतो में पानी जमा नहीं होने चाहिए , नहीं जड़ो में रोग लगने की सम्भावना होती है।
मक्का की फसल की कटाई और गहाई
मक्का की फसल की अवधि लगभग तीन महीने की होती है। इसी दौरान वो काटने योग्य हो जाती है। जब फसल पक जाती है तो इनको आप इसकी बाली तोड़कर जमा कर सकते है या इसके पौधे को सीधा काट सकते है। फिर भी फली को तोडना आवश्यक होता है। ध्यान रहे की फल में कुछ नमी बनी रहे तभी फल को तोड़े।
जब फली की तोड़ लिया जाता है तो इसको कुछ दिन धुप में सूखने के लिए रख दिया जाता है इसके बाद किसान भाई लोग इसमें से दाना निकलने के लिए बहुत सारे उपाय करते है।
आशा है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी मक्के की खेती कैसे करे , आपके लिए उपयोगी होगी , आपको लगभग रोज इस वेबसाइट पर खेती की जानकारी दी जाती है। इसीलिए रोज विजिट करे।