जम्मू-कश्मीर के डीजीपी जेल हेमंत कुमार लोहिया की सोमवार रात गला रेत कर हत्या कर दी गई। हत्यारे ने डीजीपी का कांच की बोतल से गला रेता। साथ ही पेट और बाजू पर कई वार किए। हत्यारे ने शरीर पर केरोसिन छिड़क कर जलाने की भी कोशिश की। हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। वारदात का शक डीजीपी लोहिया के ही हेल्पर पर जा रहा है, जो सीसीटीवी फुटेज में वारदात के बाद भागता नजर आया है। डीजीपी के फरार नौकर की पहचान रामबन निवासी यासिर के रूप में हुई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोमाना क्षेत्र के उदयवाला में डीजीपी अपने दोस्त संजीव खजूरिया के घर पर पत्नी के साथ गए थे। खाना खाने के बाद उन्होंने घरेलू नौकर यासिर को मसाज करने के लिए कहा। इसके बाद दोनों कमरे में चले गए। कुछ देर बाद डीजीपी की चीख सुनकर दोस्त तथा उसके परिवार वाले नीचे आए।
घटना के बाद डीजीपी के दोस्त संजीव खजूरिया ने बताया कि विचलित कर देने वाली वारदात के बारे में सूचना देने के लिए उन्होंने सबसे पहले एडीजीपी मुकेश सिंह को फोन किया। कॉल कट हो गई तो एडीजीपी ने मैसेज भेजकर व्यस्त होने की बात कही।
इसके बाद संजीव खजूरिया ने मैसेज भेजकर घटना की सूचना दी। जिसके बाद एडीजीपी ने फोन कर पूरी जानकारी ली और पीसीआर से टीम मौके पर भेजी। देर रात एडीजीपी मुकेश सिंह, एडीजीपी आलोक कुमार, डीआईजी विवेक गुप्ता समेत अन्य आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए।
यहां देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। उसे तोड़कर वे कमरे में दाखिल हुए तो डीजीपी को रक्तरंजित हालत में पड़े पाया। उनके गला रेतने समेत शरीर पर कई जगह धारदार हथियार से वार के निशान थे। पेट पर भी चोट के निशान मिले। सिर भी जला हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि डीजीपी की गला रेतकर हत्या के बाद तकिये और कपड़े पर केरोसीन से आग लगाकर शव को जलाने की कोशिश की गई। वहीं, बताते हैं कि कमरे का दरवाजा जब तोड़ा गया तब तक यासिर पीछे के दरवाजे के रास्ते भाग निकला था।
इस मामले में संजीव खजूरिया के छोटे भाई राजू खजूरिया को देर रात पुलिस ने हिरासत में लिया। राजू पुलिस कर्मी है जो संजीव खजूरिया के साथ बतौर निजी सुरक्षा कर्मी के तौर पर तैनात था। दोमाना थाने में उससे पूछताछ हो रही है। जिस समय उसे हिरासत में लिया गया वह पुलिस वर्दी में था।
डीजीपी हेमंत कुमार लोहिया की हत्या बेहद बेरहमी से की गई। हत्यारे ने न सिर्फ डीजीपी का गला रेता बल्कि कांच की टूटी बोतल से पेट और बाजू पर कई वार किए। मौके पर डीजीपी के लहूलुहान शव से पेट की आंतें भी बाहर निकली हुई मिलीं।
शहर के उदयवाला में डीजीपी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या किए जाने से क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। इस वारदात के बारे में जिसने भी सुना वह मौके पर पहुंच गया। हत्या को लेकर पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और मामले में जांच शुरू कर दी।
सूत्रों ने बताया कि डीजीपी की गला रेतकर हत्या के बाद तकिये और कपड़े पर केरोसीन से आग लगाकर शव को जलाने की कोशिश की गई। वहीं, बताते हैं कि कमरे का दरवाजा जब तोड़ा गया तब तक यासिर पीछे के दरवाजे के रास्ते भाग निकला था।
इस मामले में संजीव खजूरिया के छोटे भाई राजू खजूरिया को देर रात पुलिस ने हिरासत में लिया। राजू पुलिस कर्मी है जो संजीव खजूरिया के साथ बतौर निजी सुरक्षा कर्मी के तौर पर तैनात था। दोमाना थाने में उससे पूछताछ हो रही है। जिस समय उसे हिरासत में लिया गया वह पुलिस वर्दी में था।
डीजीपी हेमंत कुमार लोहिया की हत्या बेहद बेरहमी से की गई। हत्यारे ने न सिर्फ डीजीपी का गला रेता बल्कि कांच की टूटी बोतल से पेट और बाजू पर कई वार किए। मौके पर डीजीपी के लहूलुहान शव से पेट की आंतें भी बाहर निकली हुई मिलीं।
शहर के उदयवाला में डीजीपी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या किए जाने से क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। इस वारदात के बारे में जिसने भी सुना वह मौके पर पहुंच गया। हत्या को लेकर पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और मामले में जांच शुरू कर दी।
शाम 5 बजे करीबियों से जय माता दी बोल रहे थे
जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम 4.48 मिनट पर एच के लोहिया ने अपने करीबियों को दुर्गा अष्टमी का व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा। वह श्रीनगर से 3 दिन पहले ही जम्मू लौटे थे। हेमंत लोहिया जम्मू कश्मीर पुलिस के एक मात्र सीनियर आईपीएस अफसर हैं, जो हर रोज अपने करीबियों को व्हाट्सएप पर किसी न किसी तरह का संदेश भेज कर उनके संपर्क में रहना पसंद करते थे।एडीजीपी को की कॉल, नहीं उठी तो मैसेज भेजकर किया सूचित
घटना के बाद डीजीपी के दोस्त संजीव खजूरिया ने बताया कि विचलित कर देने वाली वारदात के बारे में सूचना देने के लिए उन्होंने सबसे पहले एडीजीपी मुकेश सिंह को फोन किया। कॉल कट हो गई तो एडीजीपी ने मैसेज भेजकर व्यस्त होने की बात कही।
इसके बाद संजीव खजूरिया ने मैसेज भेजकर घटना की सूचना दी। जिसके बाद एडीजीपी ने फोन कर पूरी जानकारी ली और पीसीआर से टीम मौके पर भेजी। देर रात एडीजीपी मुकेश सिंह, एडीजीपी आलोक कुमार, डीआईजी विवेक गुप्ता समेत अन्य आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए।